भारत हित में मतदान करें ( प्रत्येक नागरिक के पक्ष )

 विधानसभा क्षेत्र = क्षेत्रपाल (चौकीदार) विधायक के पद का सदुपयोग करने के लिए पं॰ आनन्दमणी दत्त जोशी (झलमामा) को अधिक से अधिक संख्या में साथ दें 
पंच भौतिक शरीर ,पांच तत्व ,पांच भाई पांडव ,पांच देव प्रत्येक नागरिक = भारत(संसार)

      उपरोक्त लिखित की समझदारी वर्तमान में सूझबूझ पर निर्भर है कि भारत (प्रत्येक नागरिक ) का भविष्य उज्वल किस प्रकार हो।
     इस लिए शिक्षा ,रोजगार ,सेवा ,आशीर्वाद लेना प्रत्येक नागरिक को अनिवार्य है भारत की संस्कृति सर्वोत्तम है ।
इसलिए   सबको देखा बार बार , झलमामा अबकी बार

    राजराजेश्वरी को राजनीति में परिवर्तन करना भारत प्रत्येक नागरिक को व्यर्थ है। खेत की फसल नुकसान , सुवर बन्दर , बाघ , भालू आदि से प्रत्येक नागरिक को अपना बचाव करना माँ का आँचल न्याय , सदाचार , आदर्श उत्तम है।
   
       उचित फैसला मन में आ गया तो किसी को पूछने की आवश्यकता नहीं है , दूसरा गुमराह करता है धोखा देता है (अनुशासन नहीं)

      भारत में जन्में प्रत्येक नागरिक के हित की बात को ही राष्ट्रहित भारत कहते हैं। पार्टीबाजी बनाकर भ्रष्टाचार फैलाने को नहीं जैसे प्रत्येक नागरिक का उज्वल भविष्य होता है वैसी मेहनत कर 100% नम्बर लायेें , फर्जी सर्टिफिकेट ,नकल ,ख्वाब ,कल्पना ,पार्टी में नहीं कंगाली , गरीबी से रोना पड़ेगा ,अकल उम्र , बैल का बच्चा व बूढ़े बैल में जमीन आसमान का फर्क होता है अनुशासन पर आयें अनुशासन की आवश्कता है 

    एक बार की बात है सौर्य मण्डल पृथ्वी में अत्रीमुनी आश्रम के पास अनसुया माँ रहती है ब्रह्ना ,विष्णु ,महेश तीनों की पत्नियों ने ,अनसुया का विरोध किया कि अनसुया माँ अपने को बड़ी बोलती व बनती है , क्यों समझती है बड़ी ! पत्नियों के कहने पर मजबूरन तीनों देव माँ अनसुया के पास छल करने चले गये और माँ के पुत्र दत्तात्रेय बन गये । सरस्वती ,लक्ष्मी ,काली तीनो माँ अनसुया के अधीन झुक कर अपने पति प्राप्त किये , अर्थ है पार्टी ,घमण्ड ,घृणा ईर्ष्या ,आँख ,डर ,भय आदि अपने मन के मैल को धोकर स्वयं अपना मत , वोट ,ताकत को पहचान कर नन्द के आनन्द भयो जय कन्हया लाल की साथ कर्णप्रयाग विधानसभा क्षेत्र = क्षेत्रपाल , चौकीदारी करने के लिए अनुशासन ,नियम कानून के तहत झलमामा के साथ आयें ।

     पार्टीबाजी सरकार ने भारत (प्रत्येक नागरिक) का , भ्रष्टाचार से दुर्दशा कर दी है। अकल से काम लें , मूर्खता नहीं 
  
     भारत माँ के दूध का उद्धार नहीं कर पाये तो , तिरसक्रित तो मत करो , मनुष्य योनी व्यर्थ न गवायें , पार्टी व शराब के नशे ने कई की गोद ,मांग व वंश मिटा दिये हैं।
 मनुष्य योनी में आने के लिए देवता भी तरसते हैं उदाहरण देवता पश्वा , निष्पक्ष भयमुक्त 

मतदान करें , भारत हित (प्रत्येक नागरिक के पक्ष) में न्याय करें पार्टी के नाम पर भारत को बर्बाद न करें।

Comments