कानून व्यवस्था सही प्रयोग करने के लिए

कानून व्यवस्था सही प्रयोग करने के लिए

1. भारत घर को शिष्टाचार से चलायें सभी भारत माँ की अमानत प्रत्येक नागरिक को शुभकामनायें (झलमामा)
2. अनुशासन नियम उल्लू कानून के तहत मा के साथ शिष्टाचार निभाना सीखें , नहीं तो कांग्रेस बीजेपी आदि (उल्लू - पैंसा) व (शेर - गुस्सा) उड़ान भर कर भारत माँ की अमानत का पतन कर देगा , पक्षपात , बेशरमों ने देश भ्रष्ट कर दिया है = आपका घर
3. सूर्य , चन्द्र , गुरू , शिक्षक , अनुशासन , नियम , कानून , शिष्टाचार के सामने उल्लू व शेर , भाग भाग कर थक कर समाप्त हो जाते हैं पार्टीबाज
4. आप अखबार , टीवी , मोबाइल आदि के द्वारा सब समझ रहे हैं , कर कुछ नहीं सकते , आपको उल्लू व शेर के घमण्ड ने दबोच रखा है जरा सोचो समझो , विचार करो। भारत माँ के दूध (अन्न) में उपरोक्त लिखे शब्दों को महसूस करो , आपकी परीक्षा का दिन 15 फरवरी 2017 कस दिन सूर्य उदय से सूर्य अस्त तक रहेगा । पांच साल 1825 दिन के चार पहर हैं 4 दिशायें है , ध्यान रखें उत्तर से दक्षिण दश सिर = दस इन्द्रियों का मनुष्य तीनों लोकों का विजेता रावण नही रह पाया तो हम क्या चीज हैैं।
   
    उत्तर दिशा उत्तराखण्ड देवता देव लोक बद्रीनाथ है। आप सब दक्षिण दिशा लंका है जो रावण के कर्मों से सुने रामलीला सब देखते हैं , समझते हैं , सुनते हैे (देखा नहीं है क्योंकि वा त्रेतायुग था)
    
     अभी भारत माँ के तीन रूप हैं सरस्वती का वाहन हंस , लक्ष्मी का वाहन उल्लू व काली का वाहन शेर - हंस की सवारी भारत माँ राष्टहित में आपके प्रणों के अन्दर न्याय पक्ष में है। 

     उल्लू व शेर ठगा कर धोखा देकर  पगेम की कैंची काटकर दहाड़ मारकर अदमरा कर देता है , दोबारा खाऊंगा , वोट समझ कर न्याय पक्ष में दें प्रचार प्रसार करें 

       माँ कहती है शब्दों का अर्थ समझो , मन में दया का भाव लाओ , मुझे जिस रूप में पुकारोगे में उसी रूप में आकर आपका काम करती हूँ फल आपको भेगना पड़ता है। मैं क्या करूं मिर्च लग गयी तो क्यों खाया , मत खा ,  अकल (ज्ञान) व उम्र (वर्ष) को भेंट हो जाती तो आपका मन दुःखी क्यों होता , आप मन में घुट घुट कर क्यों जीते हो।

     क्या करें उल्लू व शेर पीछा नहीं छोड़ते , कोई उपाय बताओ = सरस्वती हंस नौ बहिनें (नव ग्रह) नैनीताल में नहाती है वहीं ( हाईकोर्ट )उच्च न्यायालय है , न्याय देगा। क्या करे पार्टी की सरकार है पार्टी वाले उल्लू रूपयों में सब बैठे हैं। , उल्लू न्याय नहीं पहचानता है उल्लू व शेर माँ , बहन , भाई ,मित्र , बन्धु किसी कोे नहीं पहचानता है , बिल्ली बनकर आप (प्रत्येक नागरिक) से दूध म्यांउ आवाज कर दूध मांगता है , दूध पीकर फिर पंजा मारता है , फिर भी बिल्ली पालते हैं ,जो गणेश के वाहन मूसे (चूहे) को मारती है आप अपने मन में ज्ञान का दीपक नहीं जला सकते हैं तो अजि खा माछा वाली बात सही है।


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